झांसी समेत पूरे बुंदेलखंड में लंबे समय से पलायन की समस्या है। यहां से बहुत से लोग दूसरे शहरों में काम की तलाश में जाते हैं। नियोजन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बुंदेलखंड के सात जिलों (बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी और ललितपुर) की लगभग 20% जनसंख्या पूरी तरह से पलायन कर चुकी है।
2011 की जनगणना में उत्तर प्रदेश ने सबसे अधिक 26.9 लाख लोगों का पलायन देखा गया था। इसमें बहुत से बुंदेलखंडवासी शामिल हैं। इस समस्या को रोकने के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है। इसे रोकने के लिए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने एक विशिष्ट ऐप बनाया है। विश्वविद्यालय के डीएसटी लैब ने इस ऐप को बनाया है।
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ. लवकुश द्विवेदी ने कहा कि ब्रिजनेक्स्ट नामक यह ऐप नौकरी देने में मदद करेगा। इस ऐप पर सक्षम और अक्षम लोगों को नौकरी मिलेगी। वर्तमान में ऐप में 23 विभिन्न कामों को अपलोड किया गया है। लोग यहां जाकर उनकी सेवाओं को चुन सकते हैं। ऐप में पेमेंट की सुविधा भी है। लोगों का काम भी ऐप पर अपलोड किया जाता है।
घर बैठे मिलेगा काम
डॉ. द्विवेदी ने बताया कि इस ऐप को अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. शंभूनाथ सिंह ने मिलकर बनाया गया है। इस ऐप को जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा। इस ऐप का उद्देश्य लोगों को काम देना होगा। नौकरी चाहने वाले इस ऐप पर रजिस्टर कर सकते हैं। उन्हें नौकरी खोजने के लिए कई स्थानों पर भटकना नहीं होगा। उन्हें घर बैठे ही काम मिलेगा।