हिमालय की गोद में बसे एक छोटे से गाँव में राज और विनीता रहते थे। गाँव की पहाड़ियों के बीच, जहाँ हवा में ठंडक थी और चिड़ियों का चहचहाना हमेशा गूंजता रहता था, इनकी प्रेम कहानी शुरू हुई।
राज एक साधारण किसान था। उसके माता-पिता ने उसे अपनी जमीन पर काम करते हुए बड़ा किया था। राज का सपना था कि वह अपनी मेहनत से गाँव को समृद्ध बनाए। वहीं, विनीता गाँव के एक शिक्षक की बेटी थी। वह हमेशा पढ़ाई में अच्छी रही, और उसका सपना था कि वह एक दिन शहर जाकर पढ़ाई करे।
राज और विनीता एक-दूसरे को बचपन से जानते थे। वे अक्सर गाँव के स्कूल के पास खेलते और बातें करते थे। राज को विनीता की हंसी बहुत पसंद थी, और विनीता को राज की सरलता। जैसे-जैसे बड़े हुए, उनकी दोस्ती गहरी होती गई।
एक दिन, विनीता ने राज से कहा, “मैं शहर जा रही हूँ पढ़ाई के लिए।” राज का दिल टूट गया। उसने कहा, “तुम बिना बताए कैसे जा सकती हो?” विनीता ने मुस्कुराते हुए कहा, “यह मेरा सपना है। मैं वापस लौटूंगी।” राज ने उसके सपने का समर्थन किया, लेकिन उसके मन में डर था कि कहीं विनीता उसे भूल न जाए।
विनीता जब शहर गई, तो राज ने उसके लिए हर दिन एक चिट्ठी लिखी। वह अपनी भावनाओं को कागज पर उतारता और उसे गाँव के पेड़ के नीचे छोड़ देता। विनीता चिट्ठियाँ पढ़ती और राज को याद करती। उसे राज की याद आती, लेकिन वह अपने सपने की ओर बढ़ती रही।
समय बीतता गया। विनीता ने अपनी पढ़ाई पूरी की और गाँव वापस लौट आई। वह अब पहले से अधिक आत्मविश्वास से भरी थी। गाँव लौटते ही वह राज से मिलने गई। राज उसे देखकर खुश हुआ। “तुम वापस आ गई!” उसने कहा।
“हाँ, मैंने तुमसे वादा किया था,” विनीता ने मुस्कुराते हुए कहा। दोनों ने एक-दूसरे की आँखों में देखा। उस पल में, उन्हें समझ आया कि उनके बीच एक खास बंधन है।
राज ने कहा, “मैंने तुम्हें हर दिन याद किया। तुम्हारे बिना गाँव सुनसान लगता था।” विनीता ने कहा, “और मैंने तुम्हारे बिना कभी एक दिन भी नहीं बिताया।” उनके दिलों में एक नई भावना जाग उठी थी।
कुछ समय बाद, गाँव में मेला लगा। राज और विनीता ने एक साथ मेला देखने का निर्णय लिया। वे हाथ में हाथ डाले घूमने लगे, खिलौने और मिठाइयों की दुकानें देख रहे थे। विनीता ने कहा, “मुझे वो गुब्बारे चाहिए।” राज ने बिना सोचे समझे उसे गुब्बारे खरीद कर दिए।
मेला खत्म होने के बाद, राज ने विनीता से कहा, “क्या तुम मुझसे शादी करोगी?” विनीता ने थोड़ी चौंककर कहा, “क्या तुम सच में ऐसा सोचते हो?” राज ने कहा, “हाँ, तुम्हारे बिना मेरी जिंदगी अधूरी है।” विनीता ने खुशी से कहा, “हाँ, मैं भी तुम्हें चाहती हूँ।”
गाँव के सभी लोग उनकी शादी के लिए तैयार होने लगे। दोनों के परिवारों ने सहमति दी, और जल्दी ही उनकी शादी का दिन तय हो गया।
शादी का दिन आया। गाँव के लोग खुशी से झूम रहे थे। विनीता ने लाल और सुनहरे रंग का लहंगा पहना, और राज ने सफेद कुर्ता। दोनों ने एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराया।
शादी के बाद, राज और विनीता ने एक साथ एक नया जीवन शुरू किया। राज अपनी खेती में व्यस्त रहता और विनीता गाँव के बच्चों को पढ़ाती। वे दोनों एक-दूसरे की मदद करते और हर छोटे बड़े काम में साथ रहते।
एक दिन, राज ने कहा, “क्या तुमने कभी सोचा है कि हमारा गाँव कितना खूबसूरत है?” विनीता ने कहा, “हाँ, लेकिन यह तुम्हारे बिना अधूरा था।”
वह दिन आया जब गाँव में एक बड़ा तूफान आया। सभी लोग डर गए, लेकिन राज और विनीता ने एक-दूसरे का हाथ पकड़े रखा। राज ने कहा, “हम एक साथ हैं, सब ठीक हो जाएगा।” विनीता ने कहा, “हाँ, प्यार हर मुश्किल का सामना कर सकता है।”
तूफान के बाद, गाँव में काफी नुकसान हुआ। राज और विनीता ने मिलकर गाँव वालों की मदद की। वे सबको एकजुट कर रहे थे और एक नया जीवन शुरू करने की कोशिश कर रहे थे।
समय के साथ, राज और विनीता के प्यार में और भी गहराई आई। वे न केवल एक-दूसरे के साथी थे, बल्कि एक-दूसरे के सपनों के साथी भी बन गए थे। विनीता ने राज के खेतों में काम करना सीखा, और राज ने विनीता के साथ बच्चों को पढ़ाने में मदद की।
कुछ वर्षों बाद, जब उनके घर में एक बच्चा आया, तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। विनीता ने कहा, “हमारा सपना पूरा हुआ है।” राज ने मुस्कुराते हुए कहा, “हमारा प्यार अब एक नई पीढ़ी में जीएगा।”
राज और विनीता की कहानी एक साधारण प्रेम कहानी थी, लेकिन उन्होंने एक-दूसरे के साथ हर चुनौती का सामना किया। उनका प्यार गाँव के लोगों के लिए एक उदाहरण बन गया।
हिमालय की उन ऊँचाईयों में, राज और विनीता ने अपनी प्रेम कहानी को साकार किया, और उनका प्यार हमेशा के लिए अमर हो गया।
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.