कोल्हापुर में भारी बारिश और बाढ़: स्कूल बंद, NDRF तैनात

कोल्हापुर में भारी बारिश और बाढ़: स्कूल बंद, NDRF तैनात

72 घंटे में 340 मिमी बारिश, नदी खतरे के निशान से ऊपर; NDRF की टीमें तैनात, सरकार ने किया अलर्ट जारी

By DinToday Team | Published on: 3 July 2025

कोल्हापुर (महाराष्ट्र):
महाराष्ट्र के पश्चिमी क्षेत्र में भारी बारिश ने कहर बरपा दिया है। कोल्हापुर जिले में बीते 72 घंटों में 340 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे जिले की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया है, और कई इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

राज्य सरकार ने स्थिति को “गंभीर” बताया है और NDRF की दो टीमें कोल्हापुर और सांगली जिलों में तैनात की गई हैं। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और राजस्व विभाग मिलकर राहत कार्य में जुटे हैं।


🌧️ कहां-कहां बारिश का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा?

कोल्हापुर के करवीर, शिरोली, और पन्हाला तहसीलों में सबसे अधिक जलभराव देखने को मिला है। राधानगरी डैम का जलस्तर खतरे की सीमा तक पहुंच गया है, और प्रशासन ने कृष्णा और पंचगंगा नदियों के आसपास बसे लोगों को अलर्ट पर रखा है

कोल्हापुर के जिलाधिकारी राहुल चव्हाण ने कहा:

“हमने निचले इलाकों में रहने वाले करीब 1,100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। 12 गांवों को पूरी तरह अलर्ट किया गया है और जरूरत पड़ने पर वहां से भी लोगों को निकाला जाएगा।”


📊 आंकड़ों में आपदा की तस्वीर

  • 72 घंटे में बारिश: 340 मिमी
  • बचाए गए लोग: 1,100 से अधिक
  • गांव प्रभावित: 23
  • स्कूल/कॉलेज बंद: पूरे जिले में
  • डैम स्टोरेज: राधानगरी डैम 93% तक भरा

📣 स्थानीय लोगों का अनुभव

रामकृष्ण नगर के निवासी संजय पाटील ने बताया:

“रविवार रात से पानी धीरे-धीरे घर में घुसने लगा। पहले ऐसा 2019 की बाढ़ में हुआ था। हमने जरूरी सामान छत पर शिफ्ट कर दिया है और बच्चों को रिश्तेदारों के यहां भेज दिया है।”

रमा चौगुले, एक स्कूल शिक्षिका, कहती हैं:

“स्कूल तो पहले ही बंद कर दिए गए हैं, लेकिन बच्चों की सुरक्षा को लेकर अब और चिंता है। प्रशासन का रवैया इस बार तेज़ है, लेकिन पानी लगातार बढ़ रहा है।”


🚨 प्रशासन की तैयारी और रेस्क्यू ऑपरेशन

  • NDRF की दो टीमें बोट, लाइफ जैकेट और हेलीकॉप्टर सपोर्ट के साथ तैनात हैं।
  • मेडिकल टीमों को हाई रिस्क जोन में भेजा गया है।
  • राशन किट, पीने का पानी और दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
  • रेनबसर शेल्टर बनाए गए हैं, जहां करीब 600 से अधिक लोग ठहरे हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे ने राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा:

“कोल्हापुर और आसपास के इलाकों में हालात पर नजर रखी जा रही है। किसी की जान को खतरा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।”


📌 इतिहास में ऐसी बारिश पहले भी आई है

कोल्हापुर ने 2019 में भी भीषण बाढ़ झेली थी, जिसमें लगभग 30,000 से अधिक लोगों को शिफ्ट किया गया था। इस बार बारिश की तीव्रता उतनी ही है, लेकिन प्रशासन और नागरिकों की तैयारी बेहतर मानी जा रही है।


🌐 आगे की स्थिति: IMD का पूर्वानुमान

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों तक कोल्हापुर, सांगली, सातारा और पुणे में भारी से अति भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। विभाग ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और बाहर न निकलने की अपील की है।

IMD पुणे के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अरुण बख्शी के अनुसार:

“कोल्हापुर में सक्रिय मानसूनी टर्फ लाइन और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी भारी बारिश का कारण है। यह स्थिति अभी 3–4 दिन बनी रह सकती है।”


🚨 सरकार ने क्या निर्देश दिए?

  • आपदा नियंत्रण कक्ष 24×7 सक्रिय
  • 112 नंबर पर कॉल करके तुरंत सहायता ली जा सकती है
  • सभी जिलों के DM को हाई अलर्ट पर रखा गया है
  • गांवों में लाउडस्पीकर और मोबाइल संदेश से सतर्कता फैलाई जा रही है
  • ट्रैकिंग ऐप्स और GPS डेटा से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी हो रही है

🧾 निष्कर्ष

कोल्हापुर में मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर बाढ़ की त्रासदी को सामने ला दिया है। हालांकि, इस बार की प्रतिक्रिया अपेक्षाकृत तेज़ और संगठित मानी जा रही है। प्रशासन, सरकार और आम जनता—तीनों मिलकर इस चुनौती का सामना कर रहे हैं।

जनता से अनुरोध है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें, और केवल सरकारी स्रोतों से मिली जानकारी पर विश्वास करें। अगर ऐसी स्थिति आपके क्षेत्र में बन रही है तो तुरंत नजदीकी रिलीफ कैंप या प्रशासनिक हेल्पलाइन से संपर्क करें।

यह खबर देश-दुनिया की अन्य बड़ी घटनाओं के साथ Dintoday.com पर लगातार अपडेट की जा रही है।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Scroll to Top