
नई दिल्ली: होली के रंगों और उल्लास से भरे त्योहार धुलंडी ने पूरे देश में लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी। इस साल धुलंडी 2025 को और भी खास बनाने के लिए सरकार और प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए, ताकि लोग बिना किसी डर के त्योहार का आनंद उठा सकें।
धुलंडी का उत्साह
धुलंडी, जिसे होली के दूसरे दिन मनाया जाता है, इस साल 25 मार्च 2025 को पड़ रहा है। इस दिन लोग एक-दूसरे पर रंग और गुलाल लगाकर, पानी के गुब्बारे फेंककर और मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाते हैं। दिल्ली, मुंबई, वाराणसी, जयपुर और कोलकाता जैसे शहरों में धुलंडी का जोश देखने लायक था।
सुरक्षा के लिए कदम
इस साल धुलंडी पर सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान दिया गया। पुलिस और प्रशासन ने नशीले पदार्थों और रसायन युक्त रंगों की बिक्री पर सख्त निगरानी रखी। साथ ही, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष पुलिस टीमें तैनात की गईं।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “हमने सभी प्रमुख इलाकों में सीसीटीवी कैमरों और पुलिस पेट्रोलिंग को बढ़ाया है। हमारा लक्ष्य है कि लोग बिना किसी डर के त्योहार का आनंद ले सकें।”
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए
इस साल धुलंडी पर पर्यावरण को लेकर भी जागरूकता देखी गई। कई लोगों ने प्राकृतिक रंगों और फूलों से बने गुलाल का इस्तेमाल किया। सोशल मीडिया पर #EcoFriendlyHoli और #SafeHoli2025 जैसे हैशटैग्स ट्रेंड कर रहे थे।
लोगों की प्रतिक्रिया
धुलंडी के मौके पर लोगों ने अपने अनुभव साझा किए। दिल्ली की रहने वाली प्रियंका शर्मा ने कहा, “इस साल धुलंडी बहुत खास थी। हमने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर प्राकृतिक रंगों से होली खेली।”
निष्कर्ष
धुलंडी 2025 ने एक बार फिर साबित किया कि भारतीय त्योहारों में रंगों और खुशियों का कितना महत्व है। सुरक्षा और पर्यावरण को लेकर बढ़ती जागरूकता ने इस त्योहार को और भी यादगार बना दिया।
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