Site icon

क्या इनकम टैक्स रेट कम हो सकते हैं? वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सवाल पर दिलचस्प उत्तर दिया।

टैक्स के मुद्दे पर वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया।

टैक्स के मुद्दे पर वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया। image credit: News18

नई दिल्‍ली. सोमवार को न्यूज18 के ‘चौपाल’ कार्यक्रम में वित् तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बेबाकी से जवाब दिए। नेटवर्क 18 ग्रुप के एडिटर इन चीफ राहुल जोशी ने टैक्स सहित कई मुद्दों पर वित् तमंत्री से खुलकर सवाल पूछे। उन् होंने पूछा कि टैक् स रेट आने वाले समय में कम हो सकते हैं या नहीं। जवाब में वित् तमंत्री ने कहा कि हम इनकम टैक्स को सरल और कम करने पर लगातार काम कर रहे हैं। इस दिशा में अभी तक बहुत कुछ किया गया है और आगे भी ऐसा होगा।

“हम साल 2019 से ही डायरेक्ट टैक्स को सिम्पलीफाई करने की कोशिश कर रहे हैं,” वित् तमंत्री ने इनकम टैक्स रेट को कम करने के सवाल पर कहा। लोगों पर टैक्स का बोझ कम करने के लिए नवीनतम उपाय लाया गया है। पुराने के मुकाबले इसकी दरें काफी कम थीं। आज करदाता जो निवेश की योजना बनाकर आगे बढ़ते हैं, वे पुरानी योजना से जुड़े हैं। लोगों को दो विकल्प मिल रहे हैं।

कम हो गया है टैक्‍स का बोझ

वित् तमंत्री ने कहा कि हमने स् टैंडर्ड डिडक् शन की लिमिट भी बढ़ा दी है ताकि टैक्स का बोझ कम हो। बजट को जुलाई में पेश करने से पहले हमने बहुत कुछ कहा। मिडल क्लास के लिए भी हमने बहुत कुछ किया। कोई दरें नहीं बढ़ी हैं। न्यू रीजिम पर टैक्स का बोझ कम हो गया है, क्योंकि स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा दिया गया है। नई योजना में सब कुछ बहुत सरल बनाया गया है।

78 फीसदी लोग नए रिजीम में आए

वित् तमंत्री ने कहा कि नई योजना की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज पांच साल में इसमें ७८ प्रतिशत करदाता स्थानांतरित हो गए हैं। अब नई योजना में 7.75 लाख रुपये तक कोई कर नहीं लगता। वहीं, 5 लाख तक पुरानी योजना में भी टैक्स नहीं है। मिडिल क्लास और हायर नेटवर्थ वालों को भी इसका लाभ मिलेगा।

क्‍या जीएसटी में भी होगा बदलाव

वित् तमंत्री से अगला सवाल जीएसटी में बदलाव था। उनसे पूछा गया कि कुछ देशों में एक रेट है और कुछ में दो, जबकि हमारे यहां पांच रेट हैं। कम होगा। मंत्री ने कहा कि सरकार काम कर रही है। जीएसटी काउंसिल पहले ग्रुप ऑफ मिनिस्टर से काम करेगा। हम इस दिशा में आगे क्या करने की योजना बना रहे हैं।

Exit mobile version