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📰 AI की वजह से नौकरियां जा रही हैं या बन रही हैं? | 2025 Reality Check

Indian man holding a "Job Lost?" paper while a humanoid robot offers an "AI Job Offer" letter; text reads “AI की वजह से नौकरियां जा रही हैं या बन रही हैं? | 2025 Reality Check”

🧭 लीड (Lead):

2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता इस्तेमाल भारत की नौकरियों के लिए वरदान है या खतरा? डिज़ाइन, कंटेंट, और कोडिंग जैसे सेक्टरों में GenAI टूल्स ने काम करने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। लेकिन असली सवाल ये है – क्या इससे नौकरियां खत्म हो रही हैं या नए अवसर पैदा हो रहे हैं?

🎨 डिज़ाइन इंडस्ट्री: इंस्पिरेशन या रिप्लेसमेंट?

गुरुग्राम के एक UX डिज़ाइनर अर्जुन मल्होत्रा बताते हैं:

“AI टूल्स जैसे Midjourney और Canva Pro से अब शुरुआती लेआउट जल्दी बन जाता है, लेकिन ब्रांडिंग और कस्टम डिज़ाइन अभी भी इंसान ही करता है।”

AI आज repetitive कामों को आसान बना रहा है। लेकिन डिज़ाइन सोच (design thinking), कलर साइकोलॉजी, और ब्रांड विज़न जैसे तत्व अब भी मानव क्रिएटिविटी पर निर्भर हैं।

✍️ कंटेंट राइटिंग: चैटबॉट्स बनाम इंसानी टच

OpenAI के ChatGPT और Gemini जैसे टूल्स ने न्यूज़ और ब्लॉग इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है। लेकिन कंटेंट एक्सपर्ट श्वेता सिन्हा का मानना है:

“AI केवल रॉ ड्राफ्ट दे सकता है, लेकिन इंडियन ऑडियंस को पकड़ने वाला टोन, लोकल भाषा की पकड़, और SEO ऑप्टिमाइजेशन इंसान ही करता है।”

DinToday.com, Aaj Tak और ABP Live जैसे डिजिटल न्यूज़ पोर्टल भी AI का सहारा headlines, summaries और grammar checking में लेते हैं, परन्तु core stories अब भी एडिटोरियल टीम ही लिखती है।

💻 कोडिंग वर्ल्ड: AI = कोडिंग गुरु?

GitHub Copilot और ChatGPT Code Interpreter जैसे टूल्स ने डेवलपर्स को repetitive कामों से मुक्ति दी है।

Infosys में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर रोहित शर्मा कहते हैं:

“AI junior developers को कोड समझने और फटाफट deploy करने में मदद करता है। लेकिन critical problem-solving और सिस्टम डिजाइन अभी इंसानी स्किल पर आधारित है।”

AI ने Productivity में ज़बरदस्त इज़ाफा किया है, लेकिन इसके साथ नए जॉब टाइटल्स भी उभरे हैं – जैसे Prompt Engineer, AI Workflow Designer, और Model Validator।

📊 डेटा से जानिए 2025 में AI का असर:

👥 पब्लिक रिएक्शन: डर या तैयारी?

दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र सौरव मिश्रा कहते हैं:

“AI से डर लगता है, लेकिन अगर हम स्किल्स सीखते रहें तो यह फायदा ही देगा।”

वहीं कॉल सेंटर एजेंट पूजा यादव बताती हैं:

“पहले हर कॉल मैं लेती थी, अब AI basic queries हैंडल करता है और मैं सिर्फ complex queries को सुलझाती हूं।”

🏛️ सरकारी नज़रिया और कंपनियों का जवाब

भारत सरकार ने Digital India Mission 2.0 के तहत AI literacy को नेशनल लेवल पर प्रोमोट करने का फैसला लिया है।

Ministry of Electronics & IT के एक अधिकारी के मुताबिक:

“हर ज़िले में AI सिखाने के लिए Training Centers खोलने की योजना है ताकि युवा GenAI का लाभ उठा सकें।”

Infosys, TCS, और Wipro जैसी कंपनियों ने भी AI upskilling प्रोग्राम्स शुरू कर दिए हैं।

🧾 निष्कर्ष: AI दोस्त है या दुश्मन?

AI नौकरियां खत्म नहीं कर रहा, उन्हें नया रूप दे रहा है। Low-skill, repetitive tasks की जगह अब high-skill, AI-assisted jobs ने ले ली है।

जो लोग टेक्नोलॉजी के साथ अपडेट हो रहे हैं, उनके लिए 2025 में असीम संभावनाएं हैं।

🏁 अंतिम बयान और भविष्य की दिशा

Ministry of Labour & Employment का आधिकारिक बयान:

“AI से डरने की जरूरत नहीं है, यह एक opportunity है। Skill-based training से युवा इसे अपने पक्ष में इस्तेमाल कर सकते हैं।”

सरकार ने Skill India और AI for Bharat जैसे प्रोग्राम्स के माध्यम से अगले 5 वर्षों में 2 करोड़ नई AI-enabled नौकरियां देने का लक्ष्य रखा है।

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FAQs: AI और नौकरियों को लेकर सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले सवाल

🔹 Q1: क्या AI से नौकरियां सच में जा रही हैं?

उत्तर:
AI से कुछ repetitive और low-skill jobs पर असर पड़ा है, जैसे कि डाटा एंट्री, बेसिक कॉल सेंटर सपोर्ट, और रूटीन डिज़ाइन टास्क। लेकिन इसके साथ ही AI ने नई नौकरियों का रास्ता भी खोला है, जैसे Prompt Engineering, AI Auditing, और Data Annotation. यानी AI नौकरियां खत्म नहीं कर रहा, उन्हें बदल रहा है।


🔹 Q2: किन सेक्टर्स में AI का सबसे ज़्यादा असर पड़ा है?

उत्तर:
AI का सबसे ज़्यादा प्रभाव डिज़ाइन, कंटेंट राइटिंग, प्रोग्रामिंग, कस्टमर सर्विस, एजुकेशन, और हेल्थकेयर में देखा गया है। जहां repetitive कामों में automation बढ़ा है, वहीं high-level tasks में human-AI collaboration ज़रूरी हो गया है।


🔹 Q3: AI से कौन-कौन सी नई नौकरियां पैदा हुई हैं?

उत्तर:
2023–2025 के बीच कई नई प्रोफाइल्स सामने आईं, जैसे:

इन सभी में मानव अनुभव और judgment की भूमिका अहम बनी हुई है।


🔹 Q4: क्या AI के साथ नौकरी पाने के लिए मुझे कोडिंग आनी चाहिए?

उत्तर:
ज़रूरी नहीं कि हर AI से जुड़ी नौकरी के लिए कोडिंग आना ज़रूरी हो। कई AI-इनेबल्ड प्रोफाइल्स (जैसे कंटेंट ऑप्टिमाइज़र, डिज़ाइनर, ट्रांसलेटर) को सिर्फ टूल्स की समझ और क्रिएटिव स्किल्स चाहिए। लेकिन अगर आप AI development या डेटा साइंस में जाना चाहते हैं, तो कोडिंग ज़रूरी है।


🔹 Q5: मैं एक स्टूडेंट हूं — मुझे AI के लिए कौन-सी स्किल्स सीखनी चाहिए?

उत्तर:
स्टूडेंट्स को इन स्किल्स पर ध्यान देना चाहिए:

सरकार के “AI for Bharat” और Skill India प्रोग्राम्स से भी ट्रेनिंग ली जा सकती है।


🔹 Q6: क्या सरकार AI से होने वाले जॉब बदलावों पर कुछ कर रही है?

उत्तर:
हाँ, भारत सरकार ने Digital India Mission 2.0 के तहत AI साक्षरता (AI Literacy) पर ज़ोर देना शुरू किया है। Ministry of Skill Development द्वारा ‘AI for Bharat’ नामक योजना शुरू की गई है, जिसका लक्ष्य है 10 लाख युवाओं को AI-स्किल्स देना।


🔹 Q7: क्या ChatGPT और अन्य AI टूल्स से लेखक की नौकरी खत्म हो जाएगी?

उत्तर:
नहीं। ChatGPT जैसे टूल्स सिर्फ ड्राफ्ट बनाने, आइडियाज जनरेट करने या रिसर्च में मदद करते हैं। लेकिन लेखन की भाषा, टोन, और लोकल टच जैसे तत्व अब भी मानव लेखकों की ताकत बने हुए हैं।


🔹 Q8: क्या AI से सैलरी कम हो रही है?

उत्तर:
AI से कुछ low-skill jobs की demand में कमी आने से उन क्षेत्रों में सैलरी प्रभावित हुई है। लेकिन नई AI-संबंधित स्किल्स सीखने वाले प्रोफेशनल्स की सैलरी में इज़ाफा भी देखा गया है — खासकर टेक, एनालिटिक्स और डिज़ाइन सेक्टर में।


🔹 Q9: क्या भविष्य में सभी नौकरियां AI से चलेंगी?

उत्तर:
नहीं। AI एक सहायक टूल है, न कि पूरी तरह इंसान का विकल्प। भावनात्मक समझ, नैतिक निर्णय, और इनोवेशन जैसे क्षेत्रों में मानव भूमिका अपराजेय रहेगी। AI और इंसान साथ मिलकर काम करेंगे, यही भविष्य की दिशा है।


🔹 Q10: AI में करियर कैसे शुरू करें?

उत्तर:
AI में करियर शुरू करने के लिए आप:


अगर आपके पास इससे जुड़े और सवाल हैं, तो नीचे कमेंट करें या हमें dintoday.com@gmail.com पर लिखें।

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